चित्र-लेखन
किसी भी चित्र का ध्यानपूर्वक बारीकी से अध्ययन करके उसमें परिलक्षित किसी घटना, कहानी, अनुभव या कल्पना को प्रस्ताव का रूप दिया जाता है।
चित्रों को ठीक से समझने के लिए विद्यार्थियों को निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना चाहिए-
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बड़े धैर्य से चित्र को देखकर यह निश्चित करना चाहिए कि चित्र का विषय क्या है।
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चित्र में दिखाए गए व्यक्तियों की संख्या, प्रत्येक की मुद्रा, वेश-भूषा तथा आयु आदि का पूरा ध्यान देना चाहिए। उनके चेहरों को ध्यान से देखकर उनके भावों को समझने का प्रयास करना चाहिए।
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चित्र में चित्रित पशु-पक्षियों, पेड़-पौधों, प्राकृतिक दृश्यों को भी सूक्ष्म दृष्टि से देखना चाहिए।
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ऊपर बताई गई सभी बातों को क्रमबद्ध करके लिख लेना चाहिए।
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चित्र लेखन में अपने विचारों का प्रयोग करें, जिसका संबंध चित्र से होना चाहिए।
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चित्र-लेखन की भाषा सहज और सुबोध होनी चाहिए।
अंक-नियोजन
चित्र का वर्णन
[अंक-4/5/3]
वर्णन/कहानी
[अंक-8/8/10]
शिक्षा/उद्देश्य
[अंक-3/2/2]
उपरोक्त अंक नियोजन एक आदर्श अंक नियोजन है। यह अंक नियोजन विगत प्रश्न-पत्रों के प्रारुप को ध्यान में रखकर बनाया गया है।


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